आज हम आपके साथ शेयर करने वाले हैं कि वेब 3.o क्या है तथा इस आर्टिकल के जरिए आप वेब 3.o मीनिंग समझ पाएंगे।
वेब 3.o क्या है
वेब 3.o टेक्नोलॉजी क्या है – वेब 3.o में 3 का मतलब है टेक्नोलॉजी का तीसरी बार सुधारी करण या अप ग्रेडेशन। वेब 3.o थर्ड जनरेशन इंटरनेट सर्विसेज है उन एप्लीकेशन और वेबसाइट के लिए जो सीमेंटिक वेब का इस्तेमाल करते हैं। वेब 3.o एक लेटेस्ट स्मार्ट टेक्नोलॉजी है जिसका मकसद एडवांस एप्लीकेशन बनाना है, कनेक्टेड और ओपन वेबसाइट जो न सिर्फ दर्शकों के साथ सामंजस्य बैठा सकें बल्कि उन्हें कंट्रोल पावर भी दे सके। इस तरह की एप्लीकेशन अपने यूजर्स का डाटा खुद ही मैनेज कर सकेंगी और इन्हें बड़ी कंपनियों जैसे गूगल और फेसबुक के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
आज के दौर में गूगल तथा फेसबुक अपने यूजर्स का काफी महत्वपूर्ण डाटा अपने पास रखते हैं जिस पर आपके और हमारे जैसे यूजर्स का कोई नियंत्रण नहीं होता। वेब 3.o टेक्नोलॉजी के जरिए हर एक यूजर अपना पर्सनल डाटा अपने पास इंटरनेट पर ही सुरक्षित रख सकेगा उसे गूगल और फेसबुक जैसी बड़ी कंपनियों को अपना डाटा संभालने देने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। अब मार्क जुकरबर्ग की फेसबुक कंपनी मेटा के नाम से जाना जाता है। आपको हमारा आर्टिकल पसंद आ रहा है तो इसे पढ़ते रहे।
वेब 3.0 डेफिनेशन
वेब 3.0 अभी भी पूरी तरह से लागू नहीं हो पाई है और इसे पूरी तरह से लागू होने में कुछ वक्त और न लगने वाला है अतः इसकी कोई क्लियर टेक्नीशियन नहीं है। वेब 3.o का मतलब समझने के लिए आपको पहलेवेब 1.0 तथा वेब 2.0समझने की आवश्यकता है। आज हम वह 2.0 के जमाने में जी रहे हैं और हमें वेब 1.0 से वेब 2.0 तक पहुंचने में तकरीबन 10 साल लग गए हैं, 1 पॉइंट 0 ओरिजिनल वेब है अर्थात इंटरनेट की शुरुआत और अब इसमें हर पल नए-नए सुधार हो रहे हैं जिन्हें अपग्रेड होना भी कहा जाता है इन सुधारों के क्रम अनुसार इन्हें 1.0, 2.0 तथा 3.0 के नाम दिए गए हैं। यह माना जा रहा है कि जितना समय वेब 1.0 को वेब 2.0 तक पहुंचने में लगा है उतना समय हमारे करंट वेब (2.0) को वेब 3.o तक पहुंचने में नहीं लगेगा और हम जल्द ही वहां तक पहुंच जाएंगे। अच्छी बात यह है कि हमने और आपने पहले ही वेब 3.o का स्वाद वॉयरलैस इंटरनेट तथा इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) के रूप में चख लिया है।
वेब 3.0 के उदाहरण
वॉयरलैस इंटरनेट तथा इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) वेब 3.0 के ताजातरीन उदाहरण है।
वेब 3.0 मीनिंग
वेब 3.0 को अच्छी तरह से समझने के लिए आपको इसके सभी तीन टेक्नोलॉजीज को समझना होगा
वेब 1.0 – यह वेबसाइट की शुरुआत थी, वेबसाइट और एप्लीकेशन स्टैटिक फॉर्म में होती थी। स्टेटिक फॉर्म में होने की वजह से वेब 1.0 में यूजर केवल वेबसाइट द्वारा इंफॉर्मेशन को पढ़ सकता था और किसी प्रकार की दखलंदाजी नहीं कर सकता था।
वेब 2.0 – यह आज के दौर की वेबसाइट टेक्नोलॉजी है जिसमें यूजर कमेंट और लाइक के द्वारा दखलअंदाजी या इंटरेक्ट भी कर सकता है। इस प्रकार की टेक्नोलॉजी बड़ी कंपनी द्वारा नियंत्रित की जाती है, बड़ी कंपनियां जैसे गूगल और मेटा (फेसबुक)।
वेब 3.0 – यह माना जा रहा है कि वेब 3.0 टेक्नोलॉजी ऊपर की दोनों टेक्नोलॉजी से बढ़कर है तथा अपने यूजर को अधिक फ्रीडम और पावर देने में सक्षम है। इस टेक्नोलॉजी के द्वारा यूजर अपने डेटा और डॉक्युमेंट्स को कंट्रोल तथा गोपनीय रख सकेंगे जैसे इस वक्त गूगल और मेटा करते हैं। आप हमारे इस आर्टिकल को एंजॉय कर रहे हैं इसे अंत तक पढ़े।
बेस्ट वेब 3.0 कॉइंस
ऑडिस, आरवीव, बेसिक अटेंशन टोकन (BAT), बिट्टोरेंट, फाइल कॉइन, द ग्राफ, हिलियम,चैन लिंक, लिवरपूल, लीवर पियर, कडेना, सियाकॉइन, थेटा
faq
कुछ बेस्ट वेब 3.0 कॉइंस बताएं जिनकी कीमत कम हो?
बिट्टोरेंट, सियाकॉइन कुछ बेस्ट वेब 3.0 कॉइंस जिनकी कीमत कम है।
मुझे कौन से कॉइन खरीदने चाहिए?
कॉइन खरीदते वक्त आपको उनके फंडामेंटल को देखना चाहिए और वेब 3.0 कॉइंस को फंडामेंटलि मजबूत माना जाता है इसके अंतर्गत आप बिट्टोरेंट, सियाकॉइन, कडेना, थेटा, फाइल कॉइन आदि खरीद सकते हैं।
मैं कौन सा बेस्ट चीप कॉइन में निवेश कर सकता हूं?
आप बिट्टोरेंट, सियाकॉइन जैसे सस्ते क्रिप्टो कॉइन से निवेश कर सकते हैं।
2022 में बेस्ट मीम कॉइंस निवेश हेतु कौन से हैं?
डॉगी कॉइन, बेबी डॉज कॉइन, शिबा इनू कॉइन।
क्या बिट्टोरेंट वेब 3.0 कॉइन है?
जी हां, बिट्टोरेंट वेब 3.0 कॉइन है।
उम्मीद करते हैं हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको समझ आई है और पसंद आई है, इस आर्टिकल को आप अपने सोशल मीडिया पर शेयर भी कर सकते हैं, अपना कीमती समय देने के लिए शुक्रिया।